ये समय शेयर बाजार में निवेश करने का अच्छा समय है,आने वाले समय में मार्केट परफॉर्मेंस का अंदाज़ा

आने वाले समय में मार्केट परफॉर्मेंस का अंदाज़ा
1. अमेरिका का चुनाव परिणाम और उसका प्रभाव शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ेगा –
आने वाले दिनों में अमेरिका का चुनाव परिणाम सबके सामने होगा, और ये मार्केट की
दिशा में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।
चुनाव के नतीजे पर निर्भर करेगा कि अमेरिका में नई नीतियां कैसी होंगी, जो सीधे एफआईआई
(विदेशी संस्थागत निवेशक) की भावनाओं पर प्रभाव डालेगी।
यदि परिणाम बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप है तो बाजार में सुधार हो सकता है और हमें उलटफेर
देखने को मिल सकता है। इसका मतलब है कि बाजार की जो गिरावत है, वो रुक सकती है और
नई रैली की शुरुआत हो सकती है। फरवरी में भारतीय बजट और बाजार की प्रतिक्रिया जिस तरह से
फरवरी में भारत का केंद्रीय बजट आएगा, उसपर भी बाजार पर काफी फोकस करेगा।
बजट की घोषणाएं शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ेगा –
कर नीतियां, और बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए सबका सीधा असर बाजार पर पड़ेगा।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि फरवरी के बाद बाजार में एक अच्छी खासी रिकवरी देखने
को मिल सकती है।
लेकिन तब तक काफी अस्थिर चरण रहने की संभावनाएँ हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव का
सिलसिला लगातार बना रह सकता है।
आपको क्या करना चाहिए? निवेशक के लिए रणनीति- अब हमें समझना जरूरी है कि सुधार
एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, और जब भी बाजार में सुधार होता है, तो ये डरने का समय नहीं होता
बल्कि एक अवसर होता है। सुधार के समय पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो निवेशकों को याद रखना चाहिए:
1. सुधार को समझें और धैर्य रखें- बाजार में 10% तक की गिरावट को सुधार कहते हैं, जबकी 5% तक
के उछाल को पुलबैक कहते हैं। और अगर बाजार 20% गिर जाए तो उसे भालू बाजार कहां जाता है।
इसलिए, अगर आप पहले से निवेशित हैं, तो धैर्य रखना बहुत जरूरी है। हर गिरावत के बाद एक उछाल आता है,
और बाजार अपने समर्थन स्तर पर पलटाव भी कर सकता है।
2. पैनिक सेलिंग से बचें शेयर बाजार –
ये टाइम पैनिक सेलिंग करने का नहीं है। रोज अपने पोर्टफोलियो को देख कर तनाव लेना भी सही नहीं है,
क्योंकि ये सिर्फ अल्पकालिक नुकसान की वजह से होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब बाजार बॉटम-आउट या समर्थन स्तर पर हो, तब ताजा खरीदारी करना एक
अच्छी रणनीति होती है। यानि, अपने स्टॉक्स में औसत करना या नये स्टॉक्स लेने का मौका हो सकता है।
3. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें ये समय शेयर बाजारमें निवेश करने का अच्छा समय है-
क्या अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना एक समझदारी भरा दृष्टिकोण है।
क्या समय आप विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करके जोखिम को थोड़ा कम कर सकते हैं और भविष्य
में विकास के लिए स्थिति बना सकते हैं।
जैसे कि, अगर आपके पोर्टफोलियो में सिर्फ आईटी स्टॉक हैं, तो थोड़ा एफएमसीजी, फार्मा या
फाइनेंस में भी विविधता ला सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण डेटा निवेशकों के लिए- निफ्टी 50 ने पिछले 16 सालों में लगभाग 19 बार 10% तक
का करेक्शन देखा है, जो ये बताता है कि करेक्शन एक आम बात है।
अगर हम बाजार में मंदी की बात करें (20% से ज्यादा की गिरावट), तो ये सिर्फ 8 बार हुआ है,
जो अपेक्षाकृत कम है।
एवरेज 8 महीने लगते हैं मार्केट को बॉटम-
आउट होने में। यानी, अपने सबसे निचले स्तर तक पूछने में बाजार को इतना समय लगता है।
लेकिन बॉटम के बाद रिकवरी काफी तेज होती है और काफी शानदार भी होती है। इसका एक बेहतर
उदाहरण है कोविड के समय की रिकवरी, जो हमें याद है।
यानी, अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो धैर्य और विविधीकरण के साथ रहना ही एक अच्छी रणनीति है।
बाजार में गिरावत के बाद आने वाली रिकवरी अक्सर शानदार होती है और इस दौरान निवेश किया हुआ
पैसा भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकता है
निष्कर्ष:-
आने वाले समय में अस्थिरता काफी रह सकती है, लेकिन ये गिरावत लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक मौका है
अपने पोर्टफोलियो को मजबूत और विविध बनाने का। चुनाव के नतीजे और बजट के बाद बाजार में रिकवरी की संभावना है
, लेकिन तब तक धैर्य और अनुशासन ही आपका सबसे बड़ा साथी है