क्या सोमवार को शेयर मार्केट बढ़ेगा? (3 बड़ी खुशखबरी)
FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) का पैसा निकलना और बिकवाली का दबाव बनाना।चीन के प्रोत्साहन पैकेज के चलते वहां का बाजार आकर्षित हो रहा है, और भारत से पैसा निकालकर वहां शिफ्ट हो रहा है।रुपए का डॉलर की तुलना में कमजोर होना, जो आयात और मुद्रास्फीति को बढ़ा रहा है।कच्चे तेल की कीमत बढ़ रही है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चिंता है।महाराष्ट्र में आगामी चुनावों के कारण राजनीतिक अनिश्चितता का असर बाजार पर पड़ रहा है।
दूसरी तिमाही के ख़राब नतीजे, जिनमें कई कंपनियों के अपेक्षित आंकड़े अच्छे नहीं आए।क्या कॉम्बिनेशन ने मार्केट की भावनाओं को काफी कमजोर कर दिया है। लेकिन, अभी हालिया घटनाक्रम में कुछ सकारात्मक खबरें भी देखने को मिल रही हैं, जो बाजार के लिए एक “उम्मीद की किरण” हो सकती है।
आइये विस्तार से समझते हैं उन विकासों को जो बाजार को समर्थन दे सकते हैं। 🚀
1. मूडीज़ की सकारात्मक टिप्पणी 🌟
मूडीज, जो दुनिया की एक प्रसिद्ध रेटिंग एजेंसी है, उसने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सकारात्मक दृष्टिकोण दिया है। मूडीज़ का कहना है कि:भारतीय अर्थव्यवस्था एक स्वीट स्पॉट पर है, जहां ठोस विकास और मुद्रास्फीति का सही संतुलन देखने को मिलेगा।जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 2024 में 7.2% का दिया गया है, जो काफी प्रभावशाली है।
2025 और 2026 में विकास दर 6.6% और 6.5% होने की उम्मीद है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत को दर्शाता है।
हां, अभी के शॉर्ट टर्म डेटा में मुद्रास्फीति काफी ऊपर है (6%+), लेकिन मूडीज का मानना है कि तीसरी तिमाही तक मुद्रास्फीति सामान्य हो जाएगी और आर्थिक स्थिति स्थिर होने लगेगी।
2. सीएलएसए ने इंडिया के लिए ओवरवेट स्टांस रखा 🤝
ग्लोबल रिसर्च फर्म सीएलएसए ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत का आवंटन 20% अधिक वजन किया है। इसका मतलब है कि वो भारत के बाजार को अब चीन की तुलना में ज्यादा आकर्षक मान रहे हैं।सीएलएसए का कहना है कि अभी तक एफआईआई ने 1.2 लाख करोड़ का आउटफ्लो किया था, लेकिन अब वह भारत में ब्याज लेना शुरू कर सकता है।निफ्टी का ऑल टाइम हाई से 10% करेक्शन हो चुका है, जो बाजार को फिर से आकर्षक बना रहा है।
उनका एक और दिलचस्प अवलोकन ये था:
“डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी अगर होती है, तो चीन के लिए व्यापार युद्ध का दबाव बढ़ जाएगा, जो भारत के लिए एक अप्रत्यक्ष लाभ हो सकता है।”चीन के संदर्भ में सीएलएसए का ये कहना है:चीन में अपस्फीति का दबाव है।संपत्ति बाजार और रियल एस्टेट निवेश काफी कमजोर हैं।दीर्घकालिक विकास की संभावनाएं भी फिलहाल कम हैं।
👉इसलीये विदेशी निवेशकों के लिए भारत काफी बेहतर और स्थिर विकल्प लगता है।
क्या सोमवार को शेयर मार्केट बढ़ेगा? (3 बड़ी खुशखबरी)
3. जेफ़रीज़ का भरोसा 📈
जेफ़रीज़, एक और बड़ी वित्तीय सलाहकार फर्म, ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक बातें कही हैं:उन्हें पहले चीन का वेटेज बढ़ाया था और भारत का काम किया था। लेकिन, अब जब उनसे पूछा जाएगा कि ट्रंप की नीतियां भारत पर प्रभाव डालेंगी या नहीं, तो उन्हें स्पष्ट रूप से कहा जाएगा:“भारत पर ट्रम्प की नीतियों का कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।”अन्होन ये भी ऐड किया कि भारत के घरेलू प्रवाह (डीआईआई) काफी मजबूत हैं, जो बाजार को स्थिरता दे रहे हैं।भारतीय अर्थव्यवस्था की आंतरिक ताकत (जैसी खपत और घरेलू मांग) ही उसकी सबसे बड़ी फायदा है।
👉ये आत्मविश्वास बताता है कि भारतीय बाजार का भविष्य काफी आशाजनक है।
बाज़ार में सकारात्मकता के संकेतक 🚀
सभी कारकों को देखा जाए, तो कुछ मजबूत संकेतक हैं जो बाजार को ऊपर ले जा सकते हैं:
1. विदेशी निवेशकों का भरोसा वापस आना: मूडीज और सीएलएसए जैसी कंपनियों का भरोसा देखते हुए एफआईआई भारतीय बाजार में एंट्री ले सकते हैं।
2. डीआईआई का लगातार समर्थन: घरेलू निवेशकों (म्यूचुअल फंड और खुदरा निवेशक) को लगता है कि बाजार को समर्थन मिल रहा है, जो गिरावत के समय पर बफर का काम करता है।
3. चीन की चुनौतियाँ: चीन की वर्तमान आर्थिक समस्याओं (अपस्फीति, रियल एस्टेट संकट) की तुलना में भारत काफी स्थिर और विकासोन्मुख लगता है।
क्या करें इस मार्केट में? 💡
धीरे-धीरे निवेश करें: अभी बाजार एक सुधार चरण में है, लेकिन ये दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है।
ब्लू-चिप शेयरों पर फोकस करें: ऐसे स्टॉक चुनें जो मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के साथ भविष्य के विकास का वादा करते हैं।
विविधता लाएं: अपने पोर्टफोलियो को अलग-अलग क्षेत्रों और परिसंपत्ति वर्गों में विभाजित करके जोखिम को कम करें।
एफआईआई और डीआईआई के प्रवाह पर नजर रखें: ये संकेतक आपको बाजार की दिशा का संकेत दे सकते हैं।
निष्कर्ष: एक नये उदय की शुरूआत 🌈
हालांकी अभी भी बाजार की धारणा कमजोर है, लेकिन मूडीज, सीएलएसए और जेफरीज की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से बताती है कि दीर्घकालिक में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास कहानी बरकरार है। एफआईआई का वापस आना और डीआईआई का समर्थन बाजार को ऊपर ले जा सकता है।क्या सोमवार को शेयर मार्केट बढ़ेगा? (3 बड़ी खुशखबरी)
ये गिरावत एक अवसर हो सकती है उन लोगों के लिए जो दीर्घकालिक धन सृजन में विश्वास करते हैं।