आज (04 नवंबर को) शेयर मार्केट फिर से क्यों गिरा? – क्या आगे और भी गिरेगा

1-आज शेयर मार्केट इतना क्यों गिरा?
आज के दिन निवेशकों के लिए शेयर बाजार में गिरावट एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।
पिछले 1 महीने में शेयर बाजार में 40 लाख करोड़ का नुक्सान हो चुका है,
और सेंसेक्स और निफ्टी ने अपनी वैल्यू में 6500 और 2100 पॉइंट की बड़ी गिरावट देखी है।
2-एफआईआई की तेजी से बिकवाली शेयर मार्केट गिराने का ये भी एक कारण
– शेयर बाजार पर बड़ा दबाव पिछले कुछ महीनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई)
से, जो कि विदेशी निवेशक हैं, अपने भारतीय स्टॉक बेच रहे हैं। अब आप सोचेंगे कि ये क्यों हो रहा है?
आइए, इसके पीछे कुछ बड़े कारणों को विस्तार से समझा है।
एफआईआई निवेश का महत्व और उनकी बेचने की वजह हमारा भारतीय शेयर बाजार 18% एफआईआई पर निर्भर है,
जो विदेशी पैसा यहां निवेश करता है।
ये 18% के आस-पास का हिस्सा 100 लाख करोड़ के बराबर है, जो काफी बड़ा है।
एफआईआई ने पिछले एक महीने में अपने बहुत बड़े स्टेक को निकालना शुरू कर दिया है,
और ये लगभाग लाख करोड़ के बराबर है! 👀 एफआईआई ने अपने पैसे निकालने के पीछेका कारण:
1. अमेरिकी चुनाव में अनिश्चितता
– एफआईआई को अभी अमेरिकी चुनाव की
वजह से अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। चुनाव के नतीजों के साथ ये नहीं पता कि वहां की
अर्थव्यवस्था का भविष्य कैसा होगा, इसलिए एफआईआई अभी अपना पैसा निकाल रहे हैं और निवेश
करने के लिए किसी और स्थिर बाजार का इंतजार कर रहे हैं।

3. चीन के प्रोत्साहन पैकेज में गिरावट शेयर मार्केट गिराने का ये भी एक कारण-
चीन ने अभी अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नये प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है।
एफआईआई को लगता है कि अब वहां नये अवसर हैं और उनकी वापसी में भी सुधार हो सकता है।
इसलिए एफआईआई अभी भारत से पैसा निकाल कर चीन में निवेश कर रहे हैं जहां उन्हें वैल्यूएशन बेहतर लग रहा है।
3. हाई वैल्यूएशन और प्रॉफिट बुकिंग
– भारतीय शेयर बाजार अभी हाई वैल्यूएशन पर ट्रेड हो रहा है,
और एफआईआई को ये लगता है कि यहां प्रॉफिट बुकिंग का समय आ चुका है। यानि, एफआईआई ने
अपने निवेश को यहां से निकाल कर प्रॉफिट बुक करना चाहा है, ताकि वो और ज्यादा नुकसान के शिकार न हो।
4- पिछले एक महीने में मार्केट का गिरना शेयर मार्केटगिराने का ये भी एक कारण –
सेक्टर वाइज गिरावत एक महीने में लगभाग हर सेक्टर में गिरावत देख गई है:
सेंसेक्स और निफ्टी में 8% तक गिरावत
बैंक निफ्टी में 7%
मिडकैप में 9% और स्मॉल कैप में 8%
ऑटो इंडेक्स में 14%,
कैपिटल गुड्स में 13%,
और एफएमसीजी में 11%
फाइनेंस सेक्टर में 6%
, आईटी सेक्टर में 3%,
फार्मा में 5%
और रिटेल में 2.5% पिछली बड़ी गिरावट और
आज का सीन हमें याद है कि 4 जून 2024 को चुनाव के दिन बाजार 6% गिरा था,
जिसमें निवेशकों को 31 लाख करोड़ का नुक्सान हुआ था.
इसी तरह 23 मार्च 2020 को कोविड का वक्त निफ्टी 13% गिरा था जिसमें 14 लाख करोड़ का नुक्सान था।
आज की गिरावट में वैल्यूएशन और पूंजी निवेश काफी ज्यादा होने के कारण नुक्सान भी काफी बड़ा हो रहा है,
जो इस साल 2024 का सबसे बड़ा पतन है।

5. Q2 नतीजों का खराब आना शेयर मार्केटगिराने का ये भी एक कारण –
शेयर बाजार में गिरावट का दूसरा बड़ा कारण है कि अभी दूसरी तिमाही के नतीजे निराशाजनक आ रहे हैं।
अक्सर जब बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आते हैं, तो ये एक महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं कि बाजार कहां जा सकता है।
लेकिन इस बार कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे बड़ी-बड़ी हैं, उम्मीद के बिल्कुल विपरीत आए हैं
जिनके निवेशकों में निराशा और चिंता बढ़ गई है। कौन सी कंपनियों के रिजल्ट ने निराशा दी?
ये रहा कुछ बड़ी कंपनियों का जिक्र जिनके नतीजों ने निवेशकों को परेशान कर दिया है:
डी-मार्ट – ये रिटेल दिग्गज जो हमें अपने विकास और मुनाफे के लिए जाना जाता था,
इस बार उम्मीदें खत्म नहीं हुईं। बिक्री और लाभ मार्जिन में भी कमी देखी गई है, जो निवेशक बेचैन कर रहे हैं।
टीसीएस और बजाज ऑटोवृद्धि नहीं हुई शेयर मार्केट गिराने का ये भी एक कारण -
आईटी और ऑटो सेक्टर में भी इस बार अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है, और टीसीएस का मुनाफा और बजाज ऑटो की बिक्री में वृद्धि नीचे चली गई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज – रिलायंस जैसी विविध कंपनी का प्रदर्शन भी उम्मीद से नीचे रहा, जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ी बात है।
कोटक महिंद्रा बैंक और टाटा कंज्यूमर तिमाही में कुछ खास प्रदर्शन नहींशेयर बाजार गिराने का ये भी एक कारण
बैंकिंग और उपभोक्ता क्षेत्रों की ये कंपनियां भी अपनी दूसरी तिमाही में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाईं।
सभी नतीजों का सीधा असर समग्र निवेशक भावना पर पड़ा है, जिस बाजार पर और भी दबाव बना है।
जब बड़ी कंपनियों का मुनाफा गिरता है तो निवेशकों का भरोसा भी कम हो जाता है और इस वजह से
बाजार में गिरावट और बढ़ जाती है।
बाजार का उच्च मूल्यांकन और सुधार चरण शेयर बाजार गिराने का ये भी एक कारण
तीसरा कारण है उच्च मूल्यांकन का, जो हमेशा एक जोखिम भरी स्थिति होती है। पिछले एक साल में हमारे
शेयर बाजार, खास छोटे और मिडकैप स्टॉक, में काफी रैली हुई थी। काई स्टॉक्स 100 के पीई रेशियो तक
पहुंच गए थे, जो काफी ओवरवैल्यूड माना जाता है। रैली के बाद करेक्शन का आना जरूरी होता है
जब किसी स्टॉक या सेक्टर में ओवरवैल्यूएशन हो जाता है, तो करेक्शन का चरण जरूर आता है
जिसमें स्टॉक अपनी असली वैल्यू पर लौटते हैं।
बाजार का उच्च मूल्यांकन हमारे शेयर की कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ावा दे देता है,
लेकिन जब ये बुलबुला फटने लगता है, तो बाजार में गिरावत और बड़ी हो जाती है।
इस बार छोटे और मिडकैप शेयरों में जो गिरावत हो रही है, वो इसी करेक्शन का हिसा है।
क्या सुधार का असर सेंसेक्स और निफ्टी पर भी पड़ा है, जिससे समग्र बाजार में घबराहट बढ़ गई है।
निवेशकों के लिए चेतावनी -
उच्च मूल्यांकन के चलते निवेशकों ने अब ये समझ लिया है कि रैली के बाद सुधार आना तय है।